यमुना साइक्लोथॉन 2023: अतुल्य गंगा दल की 750 किलोमीटर की यात्रा
नयी दिल्ली 11 मार्च : अतुल्य गंगा के 750 किलोमीटर यमुना साइक्लोथॉन को दिल्ली-एनसीआर में शानदार भागीदारी मिली है जिसमें 200 पूर्व सैनिकों ने वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए यमुना नदी को फिर से जीवंत करने का संकल्प लिया।
इन पूर्व सैनिकों ने यमुनोत्री नदी के उद्गम स्थल से अपनी यात्रा शुरू की और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से सुंदर नर्सरी तक दिल्ली में अपना मार्ग प्रशस्त किया। यमुना को बचाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में जीवन के सभी क्षेत्रों के प्रतिभागी, विशेष रूप से युवा इस साइक्लोथॉन में शामिल हुए। उन्होंने पहले गंगा नदी के लिए 5530 किलोमीटर पैदल चलकर अपनी यात्रा तय की और अब यमुना की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं।
यमुना साइक्लोथॉन 750 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय कर उत्तराखंड में यमुनोत्री को उत्तर प्रदेश में आगरा से जोड़ने की एक पहल है, जिसमें यमुना नदी के इलाकों में पेड़ों और पौधों की सुरक्षा और अस्तित्व पर ध्यान केंद्रित किया गया है। अतुल्य गंगा का प्रयास है कि युवाओं से जुड़ें, जागरूकता बढ़ाएं और उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर देश के सबसे बड़े दुश्मन ‘प्लास्टिक और प्रदूषण’ से लड़ें और विलुप्त होती नदियों की रक्षा करें।
अतुल्य गंगा ट्रस्ट के संस्थापक गोपाल शर्मा ने कहा, “हमने अपनी नदियों के साथ न्याय नहीं किया है, नदियों को प्रदूषित करना एक पाप है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हानिकारक है। यमुना को हमारी जरूरत है। हम सभी को एक साथ आना चाहिए और यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।”
अतुल्य गंगा ट्रस्ट के सह संस्थापक सेवानिवृत्त कर्नल मनोज केश्वर ने इस यात्रा की शुरुआत करते हुए कहा, “हमने यमुना को दिल्ली में लुप्त होते देखा है, और यह समय है कि हम इसका ज्ञापन लें और अपनी पवित्र नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सख़्त से सख़्त कदम उठाएं।”
अतुल्य गंगा अधिकारियों का एक दल है, जिन्होंने घुसपैठियों और घुसपैठियों से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना खून पसीना दिया है और अब इन अधिकारियों ने अपनी कमर इस नेक काम के लिये कस ली है, वो भी ‘ग्रीन मैनर’ को ध्यान में रखते हुए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत का हरा और नीला कवर आने वाली पीढ़ियों के लिए सिर्फ़ एक स्वप्न बनकर ना रह जाये।