रांची,22 अगस्त: एशियन महिला हॉकी चैंपियनशिप आगामी 27 अक्टूबर से रांची के मोरड़ गोमके जयपाल सिंह स्टेडियम के एस्ट्रो टर्फ स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।
यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट पहली बार भारत में आयोजित होगा।हॉकी इंडिया और झारखंड सरकार ने आज महिलाओं की प्रतिष्ठित एशियन चैंपियंस ट्रॉफी, जिसे इस साल झारखंड एशियन चैंपियंस ट्रॉफी रांची 2023 के नाम से जाना जाएगा, के मेजबान स्थल के रूप में झारखंड की राजधानी रांची के नाम की घोषणा की है। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का सातवां संस्करण होगा, जो 27 अक्टूबर से 5 नवंबर 2023 के बीच आयोजित होगा। इस प्रतियोगिता में मौजूदा चैंपियन जापान, उपविजेता कोरिया, चीन, मलेशिया, थाईलैंड और मेजबान भारत के टूर्नामेंट में भाग लेने की उम्मीद है। भारतीय महिला टीम ने 2016 में यह खिताब जीता था और 2018 में अगले संस्करण में वे उपविजेता रही थी।
रांची ने इससे पहले 2012 से 2015 तक हॉकी इंडिया लीग मैचों की मेजबानी की है।
झारखंड का हॉकी का इतिहास समृद्ध रहा है। इसने सात ओलंपिक खिलाड़ी पैदा किए हैं, जिन्होंने गर्व से भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इनमें जयपाल सिंह मुंडा, सिलबानुस डुंगडुंग, मनोहर टोपनो, अजीत लकड़ा, निक्की प्रधान, सलीमा टेटे और स्वर्गीय माइकल किंडो और स्वर्गीय मारंग गोमके जयपाल सिंह शामिल हैं।
इस साल अक्टूबर में झारखंड आने वाली टीमों का स्वागत करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि “भारत में पहली बार आयोजित होने जा रहे महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने आने वाली एशिया की सर्वश्रेष्ठ महिला हॉकी टीमों का स्वागत करना हमारे लिए सम्मान और गर्व की बात होगी। पिछले एक दशक में, झारखंड में हॉकी ने नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। इसका कारण यह रहा है कि राज्य के कई खिलाड़ी जूनियर और सीनियर दोनों टीमों में भारत के लिए खेल रहे हैं। हमने पिछले कुछ वर्षों में इस खेल में कई ओलंपियन भी तैयार किए हैं। जयपाल सिंह मुंडा (1928 एम्स्टर्डम ओलंपिक), माइकल किंडो (1972 म्यूनिख ओलंपिक), सिल्वेनस डुंगडुंग (1980 मॉस्को ओलंपिक), अजीत लाकड़ा (1992 बार्सिलोना ओलंपिक), मनोहर टोपनो (1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक), निक्की प्रधान (2016 रियो ओलंपिक और 2020 टोक्यो ओलंपिक) तथा सलीमा टेटे (2020 टोक्यो ओलंपिक) जैसे खिलाड़ियों की बदौलत हॉकी में राज्य की प्रगति लगातार प्रदर्शित हो रही है। मैं मानता हूं कि रांची में टूर्नामेंट का 7वां संस्करण आयोजित कराना हमारे अधिक से अधिक युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देगा और वे इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। मैं इसमें हिस्सा लेने वाली सभी टीमों, एशियाई हॉकी महासंघ और हॉकी इंडिया के अधिकारियों का स्वागत करता हूं कि वे आएं और झारखंड में खेलों से जुड़ी सुविधाओं और आतिथ्य का आनंद लें।”