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राजू ठेहट एवं ताराचंद की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना, शव नहीं उठाये

सीकर 03 दिसंबर : राजस्थान के सीकर में हिस्ट्रीशीटर राजू ठेहट एवं एक अन्य व्यक्ति की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी एवं अन्य मांगों को लेकर आज सीकर एसके अस्‍पताल के मुर्दाघर के बाहर धरना शरू कर दिया गया और परजनों ने शव लेने से मना कर दिया है।

इस घटना के बाद अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई राजू ठेहट के परिजनों आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए मोर्चरी के बाहर धरना शुरू कर दिया । बाद में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर एवं अन्य कई नेता भी धरने में शामिल हुए।

धरनास्थल पर सत्तारुढ़ कांग्रेस के विधायक श्री भाकर ने अपनी सरकार से आज सीकर घटना में नागौर जिले के जायल दोतीणा निवासी ताराचंद कड़वासरा की हत्या हुई है उनके परिवार में एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी, बच्ची को एमबीबीएस के लिए एक सरकारी सीट आवंटित करने तथा परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा करने की मांग की।

उन्होंने कहा ” जब तक राज्य सरकार इनकी मांगे लिखित में नहीं मान लेती मैं इनके परिजनों के साथ धरने पर बैठा हूं।”

इस मामले आरोपियों की गिरफ्तारी, कोचिंग छात्रा के पिता के एक आश्रित को नौकरी एवं पीड़ित दोनों परिवारों के परिजनों को मुआवजा की मांग की गई है। अभी किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है और अब रविवार सुबह दस बजे तक अगर कोई बात नहीं होती है तो आगे धरना जारी रखकर आंदोलन शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि तब तक परिजनों ने शव नहीं लेने का निर्णय किया है।

उधर भाजपा की जन आक्रोश यात्रा में चार दिसंबर को सीकर लक्ष्मणगढ़ एवं धोद में होने वाली रथो की रवानगी का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।

भाजपा जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी ने बताया कि सीकर में आज हुए गोलीकांड की घटना के कारण पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार यह कार्यक्रम स्थगित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि आज शहर में हुए गोलीकांड में नागौर जिले के ताराचंद कड़वासरा की निर्मम हत्या के विरोध को लेकर भाजपा कार्यालय में सुबह दस बजे पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई है। बैठक श्री कड़वासरा के परिजनों को सरकारी नौकरी वह उचित मुआवजे की मांग को लेकर बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि सरकार से यह मांग की जाएगी की आज हुए गोलीकांड में ताराचंद कड़वासरा की निर्मम हत्या कर दी गई। राज्य सरकार इनके परिजनों को सरकारी नौकरी और उचित मुआवजा दे। राज्य सरकार इस मांग को नहीं मान लेती है तब तक आगे की रणनीति भी बैठक में तय की जाएगी।

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