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मेहता ने की औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की कार्य प्रगति की समीक्षा

श्रीनगर, 25 अक्टूबर : जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने मंगलवार नयी औद्योगिक नीति (एनआईपी) 2021-30 के तहत प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए कार्य प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव, जम्मू-कश्मीर उद्योग विभाग के निदेशक, सिडको एवं सिकोप के महाप्रबंधक और कई अन्य संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल मोड के माध्यम से शामिल हुए।

इस दौरान डॉ. मेहता ने अधिकारियों को प्रत्येक संभावित इकाई धारक को अपनी इकाइयों को परेशानी मुक्त तरीके से स्थापित करने में सुविधा मुहैया करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से सरकार द्वारा बनाई गई सिंगल विंडो सिस्टम के तहत बेहतर प्रदर्शन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि युवा इस नीति के प्रत्यक्ष लाभार्थी हैं, क्योंकि औद्योगीकरण रोजगार सृजन के समानुपाती है। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि जो आवेदक पट्टा विलेख के निष्पादन के लिए सामने नहीं आते हैं, उनके आवंटन को रद्द करने के लिए नोटिस में जारी करना चाहिए। उन्होंने उन्हें अन्य आवेदकों को देने के लिए कहा कि जो अपनी इकाइयों की स्थापना के लिए आवंटन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

मुख्य सचिव को बताया गया कि वर्ष 2022-23 के दौरान जम्मू संभाग में 542 करोड़ रुपये के निवेश और 2202 व्यक्तियों को रोजगार देने वाली 197 इकाइयां स्थापित की गयी है। वहीं, कश्मीर संभाग में लगभग 300 करोड़ रुपये के निवेश और 4120 के लिए रोजगार सृजन के साथ लगभग 401 इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं।

उन्होंने बताया कि जम्मू में 70 इकाइयों ने 1454 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ जमीन पर काम शुरू कर दिया है। इसी तरह कश्मीर संभाग में 952 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 38 इकाइयों ने जमीन पर काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा यह भी जोड़ा गया कि सभी आवेदनों की कुल रोजगार क्षमता लगभग 2.8 लाख व्यक्तियों की है।

बैठक में बताया गया कि अब तक 314 लीज डीड निष्पादित की जा चुकी हैं और 295 से अधिक प्रक्रियाधीन हैं। इसके अलावा, जम्मू संभाग में 519 नई इकाइयों और कश्मीर संभाग में 1122 इकाइयों को भूमि आवंटित की गई है।

बैठक में बताया गया कि कश्मीर संभाग में कुल 529 इकाइयों को एपीसीसी द्वारा जून, 2022 तक सामान्य विस्तार प्रदान किया गया था, जिनमें से 401 इकाइयां उत्पादन में आ चुकी हैं, लगभग 85 इकाइयों ने फैक्ट्री शेड का निर्माण पूरा कर लिया है और उत्पादन में आने के लिए 6 से 12 महीने के और विस्तार की आवश्यकता है।

इसी तरह जम्मू संभाग में कुल 325 इकाइयों को सामान्य विस्तार दिया गया, जिनमें से 160 इकाइयां उत्पादन में आ सकीं और उन्हें स्थायी पंजीकरण प्रदान किया गया, जबकि दो इकाइयों का मौजूदा इकाइयों में विलय/समामेलन किया गया।

इस दौरान बताया गया कि व्यवसाय को आसान बनाने के लिए कई नीतिगत उपाय शुरू किए गए हैं। इस दिशा में सिंगल विंडो पोर्टल पर 161 ई-सेवाएं प्रमुख रूप से 17 विभागों से संबंधित जी2बी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

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