संबलपुर, 13 दिसंबर : ओडिशा के संबलपुर में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापित करने की मांग को लेकर सोमवार को वकीलों का आंदोलन हिंसक हो गया और इस मामले में पुलिस 12 वकीलों को गिरफ्तार किया है।
अदालत के पास दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गई और 17 प्लाटून पुलिस बल के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
आंदोलन के दौरान जिला न्यायाधीश को उनके अदालत कक्ष से घसीटा गया और आंदोलनकारी वकीलों द्वारा अदालत कक्ष में तोड़फोड़ की गई।
संबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी गंगाधर ने बताया कि गिरफ्तारी सोमवार रात सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई और गिरफ्तार किए गए नौ वकीलों को स्थानीय अदालत द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद और टीवी न्यूज के वीडियो क्लिपिंग के आधार पर सोमवार की हिंसा के सिलसिले में और गिरफ्तारियां की जाएंगी।
इस बीच जिला प्रशासन ने कचेरी छाक में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है और चेतावनी जारी की है कि यदि किसी ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए 17 प्लाटून पुलिस बल तैनात किया गया है और यदि आवश्यक हुआ तो और बल की मांग की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि संबलपुर की अदालत में में सोमवार को जनता, अधिवक्ताओं, सिविल सोसाइटी के सदस्यों और यहां तक कि किन्नरों की पुलिस बल के साथ धक्का-मुक्की के बाद अराजक स्थिति पैदा हो गई।
यहां तक कि जिला न्यायाधीश मानस रंजन बारिकको चैंबर से जबरदस्ती घसीटा गया। न्यायाधीश रंजन के चैंबर में काफी संख्या में जनता और अधिवक्ता प्रवेश कर गए और अदालत कक्ष में तोड़फोड़ की।उधर, उच्चतम न्यायालय ने इस घटना को पूरी गंभीरता से लिया है और ओडिशा के पुलिस महानिदेश (डीजीपी) और उत्तरी क्षेत्र के महानिरीक्षक (आईजी) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने पहले चेतावनी दी थी कि यदि वकील विरोध करना जारी रखते हैं और अदालतों के कामकाज को पंगु बना देते हैं, तो आंदोलनकारी वकीलों के लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं।
इसके बावजूद वकील ने अपने फैसले पर कायम रहे और सोमवार को उग्र आंदोलन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद न्यायाधीशों को अदालत परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने हड़ताली वकीलों द्वारा की गई तोड़फोड़ पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सोमवार को 29 अधिवक्ताओं के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया और संबलपुर जिला बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया।