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उधना यार्ड की पुनर्निर्माण का कार्य हुआ पूरा

वडोदरा, 11 मार्च : पश्चिम रेलवे ने उधना यार्ड की पुनर्निर्माण (रीमॉडलिंग) का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने शनिवार को यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति कहा कि उधना जंक्शन पर ट्रेन परिचालन की दक्षता में सुधार के लिए उधना स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य किया गया। वर्तमान में उधना मुंबई-दिल्ली/अहमदाबाद मेनलाइन और उधना-जलगाँव लाइन के लिए एक जंक्शन स्टेशन के रूप में कार्य करता है। यार्ड रीमॉडलिंग कार्य से यार्ड में भीड़ कम (डिकंजेस्‍ट) होगी और यातायात के आवागमन में सुविधा होगी।

इस परियोजना से ट्रेनों की समयपालनता में सुधार, उधना यार्ड में बॉटलनेक दूर करना, मेन लाइन ट्रैफिक और उधना-जलगाँव लाइन ट्रैफिक का पृथक्करण, जलगाँव से/ ओर जाने वाले रेल यातायात को मुख्य लाइन को बाधित किए बिना प्‍लेटफॉर्म क्रमांक चार एवं पांच पर लिया जा सकेगा। जलगाँव से/ ओर जाने वाली मालगाड़ियों को उधना यार्ड में बाईपास लाइन पर मेन लाइन/प्लेटफार्मों को अवरुद्ध किए बिना चलाया जा सकता है। उधना स्टेशन पर ट्रेनों का सुचारू परिचालन, उन्‍नत संरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, उधना एवं सूरत के बीच तीसरी लाइन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

उन्होंने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा छह मार्च को उधना यार्ड रीमॉडेलिंग के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया। यह कार्य लगभग 35 दिनों की अवधि के भीतर पूरा किया गया, जिसमें 32 दिनों का प्री एनआई और तीन दिन का नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य (एनआई) का कार्य शामिल है। अपग्रेडेड उधना यार्ड अब पश्चिम रेलवे के अब तक के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (इआई) कार्य से लैस है, जिसमें 392 रूट हैं। इस यार्ड रिमॉडलिंग को उधना-जलगाँव दोहरीकरण के अंतर्गत किया गया, जिसे वर्ष 2018-19 के दौरान शुरू किया गया था।

श्री ठाकुर ने आगे बताया कि उधना यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के बाद अब यह पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग (आरआरआई ) हो गया है, जिसमें लगभग 400 रूट हैं। इस कार्य में नया आरआरआई भवन, न्यू यार्ड स्टेशन मास्टर भवन, एक एकीकृत कोच केयर सेंटर और एक ऑब्‍जेक्‍ट कंट्रोल भवन उपलब्ध कराना शामिल है। इसमें 606 मीटर की लंबाई के साथ नए आइलैंड प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 4/5 का निर्माण और 24 एलएचबी कोचों को समायोजित करने के लिए 524 मीटर से 590 मीटर तक मौजूदा आइलैंड प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 का विस्तार शामिल था।

यह उधना-सूरत तीसरी लाइन के साथ-साथ उधना-सूरत खंड को डिकंजेस्‍ट करेगा। प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 3 एवं 4/5 पर आने वाली अप दिशा की ट्रेनें अब सीधे चलथान के लिए रवाना की जाएंगी। वर्तमान में ट्रेनों को प्‍लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 पर रिसीव किया जाता है, जो एकमात्र उपलब्ध प्लेटफॉर्म था। इसके अलावा, ताप्ती वैली लाइन नंबर 1 एवं 2 को सूरत से चलथान की यात्री ट्रेनों के सीधे लेने के लिए उपयुक्त बनाया गया है। गुड्स यार्ड को इंटरलॉक कर दिया गया है। इससे एक केंद्रीकृत जगह से ट्रेन परिचालन में सुविधा होगी।

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