भाजपा के पास राजनीतिक विरोधियों से निपटने के लिए ईडी और आईटी का ही हैं साथ-भूपेश
रायपुर 13 जनवरी: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज फिर दोहराया कि भाजपा के पास राजनीतिक विरोधियों से निपटने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर(आईटी) का ही साथ हैं। दोनो केन्द्रीय एजेन्सियां पूरी ताकत से भाजपा के राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जुटी हैं।
श्री बघेल ने ईडी के आज भोर से एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी समेत कई जगहों पर की जा रही छापे की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह तो पहले ही कह चुके हैं कि यह एजेन्सियां वर्ष के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव तक रहेगी और चुनाव के बाद ही यहां से डेरा उठायेंगी। उन्होने कहा कि राज्य में भाजपा लड़ नही पा रही है,पहले प्रभारी बदले गए,फिर नेता प्रतिपक्ष बदले गए,लगातार बैठके हो रही है इसके बाद भी स्थिति में सुधार नही होते देख ईडी और आईटी को लगाया गया हैं।
उन्होने कहा कि गैरभाजपा शासित राज्यों खासकर कांग्रेस और यूपीए से जुड़े दलों के साथ ईडी और आईटी का खेल हो रहा है। उन्होने कहा कि पहले कर्नाटक में इन एजेन्सियों को लगाया गया। जब तक भाजपा की सरकार वहां नही बन गई तक लगातार कार्रवाई की गई,सरकार बनते ही उस पर विराम लग गया। फिर महाराष्ट्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई और यह सिलसिला वहां भाजपा की सरकार बनते तक जारी रहा। उन्होने पूछा कि अब महाराष्ट्र में शान्ति क्यों ? उन्होने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुना से पहले पड़े ताबडतोड़ छापों और झारखंड में भी सरकार को अस्थिर करने ईडी और ईटी की कार्रवाई का भी जिक्र किया।
श्री बघेल ने कहा कि भाजपा की कोशिश हैं कि जहां राजनीतिक रूप से नही निपट सकते वहां इन एजेन्सियों के जरिए सरकार को बदनाम करने की कोशिश करों,अफसरों पर कार्रवाई कर उन्हे डराओं जिससे कि काम बाधित हो।राजनीतिक उद्देश्यों से होने वाली इस कार्रवाई में अन्ततः होना जाना कुछ नही है,फिर भी परेशान तो करना हैं।
राज्यों कई हजार करोड़ रूपए के चिंटफंड घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि इन कम्पनियों ने जनता के पैसे की मनीलांन्ड्रिग की है,इसकी जांच ईडी नही करेंगी जबकि राज्य सरकार लगातार इसकी मांग कर रही है। उनकी सरकार ने इन कम्पनियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर उससे मिली राशि जमाकर्ताओं को लौटाई है लेकिन यह जमा के मुकाबले बहुत कम है। उन्होने कहा कि नान घोटाले की जांच उनकी सरकार ने शुरू की तो उच्च न्यायालय से स्टे लाया गया,झीरम घाटी कांड की जांच नही हो इसके लिए एनआईए ने स्टे ले रखा है। राज्य सरकार की कोई बात तो माननी चाहिए।