‘सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन को अपग्रेड किया जा रहा है’
हैदराबाद, 21 फरवरी : दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के महाप्रबंधक अरुण कुमार जैन ने मंगलवार को कहा कि सिकंदराबाद स्टेशन, जो जुड़वां शहरों का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, को अगले 40 वर्षों तक यात्रियों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अपग्रेड किया जा रहा है।
श्री जैन ने कहा कि अपग्रेड कार्य की सभी स्तर पर निगरानी की जा रही है जिससे परियोजना के पूरा होने में कोई देरी न हो, जिसको अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एससीआर ने एक विज्ञप्ति के अनुसार, रेल मंत्रालय द्वारा लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से “रेलवे स्टेशनों का प्रमुख अपग्रेडेशन” के अंतर्गत सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन को अपग्रेड किया जा रहा है।
अपग्रेडेशन कार्य चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है जिससे यात्रियों को यात्रा करने में ज्यादा असुविधा न हो। रेलवे स्टेशन परिसर को अवसंरचनाओं और सुविधाओं के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे रेल उपयोगकर्ताओं को सहज अनुभव प्राप्त हो सके।
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के भाग के रूप में, भौगोलिक सर्वेक्षण और मिट्टी की जांच होने के बाद, अस्थायी कार्यालयों की स्थापना कार्य तेजी से की जा रही है जिससे मौजूदा स्टेशन पर यात्री सेवाओं में बिना किसी बाधा के मुख्य भवन क्षेत्र का निर्माण कार्य पूरा किया जा सके।
इस संबंध में, अस्थायी बुकिंग कार्यालयों के साथ-साथ नए आरपीएफ भवन के लिए नींव का काम शुरू किया जा चुका है। ये दोनों संरचनाएं मुख्य भवन स्थल पर काम के स्थानांतरण का हिस्सा हैं।
इसके साथ ही, मुख्य स्टेशन भवन निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए, ठेकेदार द्वारा नए उत्तरी टर्मिनल, दक्षिण टर्मिनल, मल्टी लेवल कार पार्किंग, टू लेवल स्काई कॉनकोर्स और एफओबी की योजना बनायी गई है। इन्हें स्टेशन भवन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पूरा किया जा रहा है जो कि अगले 40 वर्षों तक यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
इन सुविधाओं के लिए संरचनात्मक डिजाइन को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार, पुनर्विकसित स्टेशन पर यात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, 16 लाख लीटर पानी की संयुक्त क्षमता वाले टैंक बनाए जा रहे हैं। नए उत्तर और दक्षिण टर्मिनलों में आवश्यक जलापूर्ति करने के लिए नए भूमिगत टैंकों और ओवर हेड टैंकों के निर्माण के लिए स्थानों की पहचान की जा चुकी है।
मौजूदा स्टेशन भवन के प्लेटफार्म शेल्टरों में सौर पैनल लगे हुए हैं जिन्हें स्थानांतरित करने के लिए स्थलों की पहचान की जा चुकी है। विज्ञप्ति में कहा गया कि भूमिगत सर्वेक्षण का काम भी पूरा कर लिया गया है।