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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इंफाल में डूरंड कप ट्रॉफी का अनावरण किया

इम्फाल, 27 जुलाई : मणिपुर के मुख्यमंत्री एवं पूर्व पेशेवर फुटबॉलर एन बीरेन सिंह ने बुधवार को मणिपुर की राजधानी इंफाल के सिटी कन्वेंशन सेंटर में प्रतिष्ठित डूरंड कप की तीन ट्राफियों का अनावरण किया। पांच शहरों का ट्रॉफी टूर आज फुटबॉल के पावर हाउस कहे जाने वाले राज्य मणिपुर की राजधानी इंफाल पहुंचा। असम के साथ मणिपुर, सौ साल से भी अधिक पुराने एवं एशिया का सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट, डूरंड कप की पहली बार मेजबानी करेगा ।

इंफाल का खुमान लम्पक स्टेडियम 18 अगस्त से 05 सितंबर तक 131 वें डूरंड कप के 10 ग्रुप मैचों की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस ऐतिहासिक अवसर पर पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ एवं डूरंड आयोजन समिति के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल भी उपस्थित थे।

प्रतिष्ठित डूरंड कप की ट्रॉफियां 19 जुलाई को कोलकाता से हरी झंडी दिखाकर रवाना की गयीं थीं और 21 जुलाई को असम के गुवाहाटी पहुंची थीं । मणिपुर के दौरे के बाद ट्रॉफियां कोलकाता वापिस लौटने से पहले जयपुर, दिल्ली और गोवा के लिए रवाना होंगीं। डूरंड कप का ग्रैंड फिनाले 18 सितंबर को विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन (वीवाईबीके), जिसे लोकप्रिय रूप से साल्टलेक स्टेडियम भी कहा जाता है, में खेला जाएगा। भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट को मणिपुर सरकार द्वारा समर्थित किया जा रहा है।

सभा को संबोधित करते हुए, बीरेन सिंह ने कहा,“इस टूर्नामेंट से जुड़ना मेरे लिए बहुत गर्व और सौभाग्य की बात है। 1981 में मैं बीएसएफ की विजेता टीम का हिस्सा था। पहले मैं इस बात से परेशान था कि बुनियादी ढांचे की कमी के कारण मणिपुर टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं कर पाएगा, लेकिन अब मुझे पूरा यकीन है कि हम सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि मेरे दिल के बहुत करीब, डूरंड कप का भविष्य में भी यहां सफलतापूर्वक आयोजन किया जाएगा। हम इसे बड़ा और बेहतर बनाएंगे।”

इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ एवं डूरंड आयोजन समिति के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल केके रेप्सवाल ने कहा,“मणिपुर में डूरंड कप का होना अद्भुत है, यह एक ऐसा राज्य है जिसने भारतीय फुटबॉल में बहुत योगदान दिया है। हम सभी के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह स्वयं एक पूर्व फुटबॉल पेशेवर हैं और आज इस ऐतिहासिक अवसर पर उनकी उपस्थिति से हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। मणिपुर सरकार का सहयोग बेहद उत्साहजनक और असाधारण रहा है। सरकार हमें जबरदस्त सहयोग दे रही है और डूरंड को पूर्व में फैलाने के हमारे प्रयासों में सहायता प्रदान कर रही है।’

प्रतिष्ठित कप की तीन ट्राफियां, डूरंड कप (एक रोलिंग ट्रॉफी और मूल पुरस्कार), शिमला ट्रॉफी (एक रोलिंग ट्रॉफी और पहली बार 1904 में शिमला के निवासियों द्वारा दी गई) और राष्ट्रपति कप (स्थायी रूप से रखने के लिए जो पहली बार भारत के प्रथम राष्ट्रपति, डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा 1956 में दी गयी थी) सुरक्षा घेरे में 100 बाइकों की एक शानदार रैली द्वारा ऐतिहासिक इम्फाल पोलो मैदान में लायी गयीं हैं जहाँ पहली बार पोलो के खेल की शुरुआत हुई थी। वहां से यह ट्रॉफियां लेमाखोंग के लिए रवाना हुईं।

इस वर्ष डूरंड कप बड़ा और बेहतर होगा, जिसमें देश की शीर्ष 20 टीमें शामिल होंगी, जिसमें शीर्ष डिवीजन इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की सभी 11 टीमें भाग लेंगी। पिछले संस्करण में 16 टीमों ने भाग लिया था।

131वें डूरंड कप संस्करण में कुल 47 मैच होंगे, जिसमें गुवाहाटी और इंफाल दोनों ग्रुप सी और ग्रुप डी के 10-10 मैचों की मेजबानी करेंगे। सभी सात नॉकआउट मैच पश्चिम बंगाल में तीन मेजबान ग्राउंड पर खेले जाएंगे। उद्घाटन पूल मैच 16 अगस्त को कोलकाता के वीवाईबीके में, 17 अगस्त को गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में और 18 अगस्त को खुमान लम्पाख स्टेडियम में राष्ट्रीय लोकप्रिय स्थानीय डर्बी नेरोका एफसी और ट्राउ एफसी के बीच के साथ शुरू होने वाले हैं।

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