टीवी की बजाय मोबाइल फोन बना क्रिकेट प्रशंसकों की पहली पसंद
नई दिल्ली 19 मई (वार्ता) क्रिकेट का मजा लेने के लिये टेलीविजन स्क्रीन पर घंटो चिपके रहने अब गुजरे जमाने की बात बन चुका है। सर्वेक्षणों की माने तो टीवी की बजाय चलती फिरती स्क्रीन यानी मोबाइल फोन पर क्रिकेट का लुत्फ उठाने वालो की तादाद में खासा इजाफा हुआ है।
सर्वे कंपनी डेटा एआई के अनुसार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र में 15 अप्रैल से पांच मई के दौरान 93 मिलियन दर्शकों ने टीवी पर मैच देखा जबकि जियो सिनेमा एप पर मैच देखने वालो की संख्या 97 मिलियन के आंकड़े को पार कर गयी है। इस सर्वेक्षण में हालांकि डिजिटल डेटा दो से 14 साल के बच्चों को शामिल नहीं किया गया है जबकि टीवी से संबंधित डेटा में सभी को शामिल किया गया है। यदि डिजिटल में दो वर्ष से अधिक आयु वालों को भी सम्मिलित कर लिया जाए तो यह संख्या टीवी के नंबर्स से कहीं अधिक हो सकती है।
मोबाइल फोन पर मैच देखने की दीवानगी का असर टीवर पर दिखाये जाने वाले विज्ञापनो पर भी पड़ा है। पिछले छह सप्ताह में स्पोर्टस चैनल में दिखाये जाने वाले विज्ञापन 40 फीसदी कम हुये है। पिछले आईपीएल सत्र में 98 विज्ञापनदाता थे, जबकि अभी चल रहे सीजन में टीवी के पास केवल 59 विज्ञापनदाता ही हैं। दूसरी तरफ, डिजिटल पर विज्ञापन देने वालों की संख्या 400 के आसपास की है।
व्यूअरशिप की बात करे तो टेलीविजन इस आईपीएल सीजन में 4.46 की टीवीआर पर है, जो पिछले छह वर्षों में नीचे से दूसरे स्थान पर है। 2020 में यह टीवीआर 6.4 थी। मई में एक्सिस माय इंडिया कंज्यूमर सेंटीमेंट्स इंडेक्स के निष्कर्ष के अनुसार, युवा मोबाइल फोन (जियो सिनेमा) पर आईपीएल देखना पसंद करते हैं।
सर्वे में शामिल 18-25 वर्ष के 64 प्रतिशत प्रतिभागियों ने मोबाइल पर आईपीएल देखना पसंद किया। टीवी पर आईपीएल मैच की 23 प्रतिशत व्यूयरशिप 2-14 आयु वर्ग की है, जबकि 15-21 की आयु वाले केवल 15 प्रतिशत लोग ही टीवी पर मैच देखते हैं. 22-30 साल की उम्र के केवल 18 फीसदी लोग ही टीवी पर मैच देखते है।